राशन की दुकानों के संचालन की समस्याएं निम्नलिखित हैं-
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली धारक अधिक लाभ कमाने के लिए अनाज को खुले बाज़ार में बेचना, राशन दुकानों में घटिया अनाज़ बेचना, दुकान कभी-कभार खोलना जैसे कदाचार करते हैं।
- राशन दुकानों में घटिया किस्म के अनाज का पड़ा रहना आम बात है जो बिक नहीं पाता। यह एक बड़ी समस्या साबित हो रही है।
- जब राशन की दुकानें इन अनाजों को बेच नहीं पातीं तो एफ०सी०आई० (FCI) के गोदामों में अनाज का विशाल स्टॉक जमा हो जाता है। इससे भी राशन की दुकानों के संचालन में समस्याएं आती हैं।
- पहले प्रत्येक परिवार के पास निर्धन या गैर-निर्धन राशन कार्ड था जिसमें चावल, गेहूं, चीनी आदि वस्तुओं का एक निश्चित कोटा होता था पर अब जो तीन प्रकार के कार्ड और कीमतों की श्रृंखला को अपनाया गया है। अब तीन भिन्न कीमतों वाले टी० पी० डी० एस० की व्यवस्था में निर्धनता रेखा से ऊपर वाले किसी भी परिवार को राशन दुकान पर बहुत कम छूट मिलती है। ए०पी०एल० परिवारों के लिए कीमतें लगभग उतनी ही ऊँची हैं जिनकी खुले बाज़ार में, इसलिए राशन की दुकान से इन चीज़ों की खरीदारी के लिए उनको बहुत कम प्रोत्साहन प्राप्त है।