‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में कवि ने पुष्प के माध्यम से स्पष्ट किया है कि व्यक्ति के अपने निजी स्वार्थों की अपेक्षा देश का हित सब से ऊपर है। फूल देवकन्या के गहनों में, प्रेमी की माला में गुँथने को अच्छा नहीं समझता। वह सम्राटों के शवों अथवा देवताओं के सिरों पर भी नहीं चढ़ना चाहता। वह तो उस रास्ते पर फेंका जाना पसंद करता है, जहाँ से मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वीर जाते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि फूल अपना कल्याण करने के स्थान पर देश पर बलिदान देने वालों पर न्योछावर हो पुस्तकीय भाग कर हमें यह संदेश देता है कि अपना हित साधने की अपेक्षा देश का हित करना चाहिए।