भारत एक विशाल देश है। इस देश में कहीं ऊंचे पर्वत हैं तो कहीं गहरी घाटियां हैं। कहीं समतल विस्तृत मैदान हैं, तो कहीं ऊंची-नीची पथरीली भूमि है। हम अपने देश को भौतिक रचना के आधार पर निम्नलिखित छ: इकाइयों में बांट सकते हैं –
- उत्तर के महान् पर्वत
- उत्तर के विशाल मैदान
- प्रायद्वीपीय पठार
- तटीय मैदान
- भारत का महान् मरुस्थल
- द्वीप-समूह।
भारत का महान् मरुस्थल वास्तव में उत्तर के विशाल मैदानों का ही एक भाग है। इसलिए यहां पांच इकाइयों का वर्णन किया जा रहा है।

1. उत्तर के महान् पर्वत- हमारे देश की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत फैला हुआ है। हिमालय पर्वत में तीन श्रेणियां हैं। ये एक-दूसरे के समानान्तर फैली हुई हैं। इन समानान्तर श्रेणियों के मध्य में पूर्व-पश्चिम में फैली हुई कई लम्बी घाटियां हैं, जिन्हें ‘दून’ कहते हैं।
हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर ‘माऊंट एवरेस्ट’ है। यह 8848 मीटर ऊंचा है। भारत में हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर कंचनजंगा है। इस पर्वत की सभी ऊंची-ऊंची चोटियां बर्फ से ढकी रहती हैं। इस क्षेत्र की जलवायु अत्यन्त ठण्डी है।
2. उत्तर के विशाल मैदान- उत्तरी भारत के विशाल मैदान हिमालय पर्वतों के दक्षिण में फैले हैं। पश्चिम में रावी नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक इनकी लम्बाई 2500 किलोमीटर से भी अधिक है। ये मैदान रावी, ब्यास, सतलुज, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई उपजाऊ मिट्टी से बने हैं। इसलिए इनकी गणना संसार के सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में की जाती है।
3. प्रायद्वीपीय पठार- भारत का प्रायद्वीपीय पठार उत्तरी मैदानों के दक्षिण में विस्तृत है। यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भाग है। इस पठार को दो भागों में विभाजित किया जाता है। मालवा का पठार तथा दक्कन का पठार। दक्कन का पठार लावे से बना है। इस त्रिकोणे पठार के दो मुख्य भाग हैं-मालवे का पठार तथा दक्षिणी पठार।पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्वी घाट इसकी सीमा बनाते हैं। यह पठार खनिज पदार्थों में बहुत ही धनी है।
4. तटीय मैदान- दक्कन के पठार के पश्चिम तथा पूर्व में तटीय मैदान फैले हैं। अरब सागर के तटीय मैदानों को पश्चिमी तटीय मैदान तथा बंगाल की खाड़ी की तटीय पट्टी को पूर्वी तटीय मैदान कहते हैं। पूर्वी तटीय मैदान पश्चिमी मैदानों की अपेक्षा अधिक चौड़े तथा समतल हैं। यहां नदियों द्वारा बनाये गये उपजाऊ डेल्टा भी हैं।
5. द्वीप-समूह-भारत में मुख्य रूप से दो द्वीप समूह हैं –
(1) लक्षद्वीप
(2) अण्डमान-निकोबार।
(1) लक्षद्वीप समूह केरल के पश्चिम में अरब सागर में स्थित है। यह मूंगे की चट्टानों से बने छोटे-छोटे द्वीपों का एक समूह है। इनकी कुल संख्या 25 है।
(2) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। यह ज्वालामुखी चट्टानों से बना है। इन द्वीपों की कुल संख्या 120 है। समुद्र तट से दूर स्थित इन द्वीपों के अतिरिक्त ‘कुछ द्वीप तट के निकट भी स्थित हैं। इनमें व्हीलर, न्यूमर, दियु आदि द्वीप शामिल हैं।