अभिलेख उन लेखों को कहते हैं जो पत्थर के स्तम्भों, चट्टानों, तांबे की प्लेटों, मिट्टी की तख्तियों तथा मन्दिर की दीवारों पर प्रचलित संकेतों अथवा अक्षरों में खुदे हुए होते हैं। ये इतिहास जानने में हमारी बहुत सहायता करते हैं। इनमें उस समय की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है, जिस समय में ये लिखे गए थे। सम्राट अशोक के अभिलेख उसके धर्म तथा राज्य के विस्तार के बारे में बताते हैं। समुद्रगुप्त तथा स्कन्दगुप्त के.अभिलेखों से उनकी उपलब्धियों के बारे में पता चलता है। ताम्र-पत्रों से प्राचीन काल में भूमि को ख़रीदने-बेचने तथा भूमि दान करने की व्यवस्था का पता चलता है।