फूले न समाना (प्रसन्न होना) – सुभद्रा अपने भाई को देख कर फूली न समाई।
खिलना (प्रसन्न हो जाना) – विदेश से आए अपने पुत्र को देखकर माँ का हृदय खिल उठा।
धूनी तपना (कष्ट झेलना) – देशभक्तों को देश को आजाद करवाने के लिए धूनी तापनी पड़ती है।
मंगल मनाना (शुभ कामना करना) – मैं आपके सुखी भविष्य के लिए मंगल मनाता हूँ।
घायल हृदय (अत्यन्त पीड़ा होना) – मेरा घायल हृदय माता-पिता को देखने के लिए तड़पता है।
खूनी दर्द उठना (तीखी पीड़ा होना) – राखी के दिन भी भाई को कैद में पाकर बहन के हृदय में खूनी दर्द उठता है।
विषमता का बन्धन (भेदभाव का बन्धन) – हमें पारस्परिक विषमता के बन्धनों को काट कर मिल-जुल कर रहना चाहिए।