पल्लव शासक तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश के कई भागों पर शासन करते थे। पहले वे सातवाहनों के अधीन थे। परंतु सातवाहनों के पतन के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली। पल्लव राजवंश आंरभ में पल्लव राजा विष्णु, गोपवर्मन गुप्त शासक समुद्र गुप्त से हार गया था।
छठी शताब्दी के अन्त में सिंहवर्मन ने एक नवीन पल्लव वंश की स्थापना की। महेन्द्रवर्मन प्रथम, नरसिंहवर्मन प्रथम तथा नरसिंहवर्मन द्वितीय इस वंश के प्रसिद्ध शासक थे। महेन्द्रवर्मन चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय के साथ लम्बे समय तक लड़ता रहा। वह चित्रकला तथा नाच-गाने का बहुत शौकीन था। नरसिंहवर्मन प्रथम ने पुलकेशिन द्वितीय को युद्ध में हराया था। उसने श्रीलंका पर भी दो बार सफल हमले किए थे। नौवीं शताब्दी में पल्लव चोल राजाओं से हार गए तथा उनका राज्य समाप्त हो गया।