पिंजरे में बन्द रखने से पक्षियों की आज़ादी समाप्त हो जाती है। पिंजरे की तीलियों से टकरा कर उस के पंख टूट जाते हैं और वे उड़ना भूल जाते हैं। हमें भी
आज़ादी पसंद है। हम अपनी पढ़ाई, खेल-कूद, खाने-पीने, अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करने में आजादी चाहते हैं। हम अपने भरोसे तथा बल पर अपने जीवन का निर्माण करना चाहते हैं।