208, कृष्ण नगर,
लुधियाना।
11 जुलाई, 20…..
प्रिय भाई नरेश,
चिरंजीव रहो
कल माता जी का पत्र मिला। पढ़कर पता चला कि तुम बीमार रहने के कारण बहुत कमज़ोर हो गए हो। तुम सुबह देर तक सोए रहते हो। प्यारे भाई ! प्रातः उठकर सैर करनी चाहिए। सुबह की सैर से स्वास्थ्य उत्तम होता है। प्रातः भ्रमण से शरीर चुस्त रहता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। मांसपेशियों में नए रक्त का संचार होता है। फेफड़ों को साफ़ वायु मिलती है। ओस पड़ी घास पर नंगे पाँव चलने से बल, बुद्धि और आँखों की रोशनी बढ़ती है। दिमाग को शक्ति मिलती है। इसलिए प्रात: घूमने अवश्य जाया करो।
आशा है कि तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। पूज्य माता जी को प्रणाम। अनु को प्यार।
तुम्हारा बड़ा भाई,
प्रदीप कुमार