प्लास्टिक पाइप का छोटा टुकड़ा अथवा रबड़ की लम्बी नली लो। कमरे में एक तरफ एक मोमबत्ती जलाकर मेज़ के ऊपर रखें। अब कमरे में दूसरी तरफ खड़े होकर पाइप से मोमबत्ती को देखें। मोमबत्ती दिखाई देगी। अब जब तुम मोमबत्ती को देख रहे हों तो तब पाइप को थोड़ा-सा मोड़िए। अब तुम को मोमबत्ती दिखाई नहीं देती है। पाइप को दाईं या बाईं ओर घुमाइए। अब भी तुम मोमबत्ती को देख नहीं सकते हैं। इससे हम निष्कर्ष निकालते हैं कि प्रकाश एक सरल रेखा में गमन करता है।

इसका कारण यह है कि पाइप का मुड़ना हमारी आँखों की ओर आ सीधे रही प्रकाश किरणों को रोक देता है। इसके अतिरिक्त पाइप अपारदर्शी पदार्थ से बना होने के कारण प्रकाश पाइप में से नहीं गुज़र सकता है। इसलिए मोमबत्ती की ज्वाला हमें दिखाई नहीं देती है। इससे यह निष्र्कष निकलता है कि प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है। प्रकाश के इस व्यवहार को प्रकाश प्रसार भी कहते हैं।