(i) सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र- मिश्रित अर्थव्यवस्था की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र दोनों विद्यमान रहते हैं। इन दोनों ही क्षेत्रों के बीच कार्यों का स्पष्ट विभाजन रहता है।
(ii) लोकतांत्रिक व्यवस्था- मिश्रित अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रियाओं का निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र में विभाजन, लक्ष्यों में निर्धारण, नीतियों का निर्धारण सभी बातों का निर्णय जन-प्रतिनिधियों के द्वारा लिया जाता
(iii) लाभ-उद्देश्य- मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की प्रमुख भूमिका रहती है। निजी क्षेत्र द्वारा अपनी आर्थिक क्रियाओं का संचालन लाभ के उद्देश्य से किया जाता है।
(iv) मूल्य-तंत्र पर नियंत्रण- मिश्रित अर्थव्यवस्था में ‘मूल्य तंत्र’ के संचालन को सरकार जन-कल्याण की दृष्टि से स्वयं की कीमत नीति द्वारा नियंत्रित करती है।