मधुमक्खियाँ कुछ स्पीशीज (जाति) की फसलों में परागणकर्ता का कार्य करती हैं। पुष्पीकरण के समय इसके छत्तों को खेतों/बागों के बीच में रखने से पौधों की परागण क्षमता बढ़ती है। किसान को बढ़ी फसल के साथ शहद की अतिरिक्त आय होती है। इसलिए इन फसलों में मधुमक्खी पालन किया जाता है। उदारहणार्थ- सूर्यमुखी, सरसों, सेब तथा नाशपाती।