‘भटियारखाना’ शब्द का मूल अर्थ वह स्थान है जहाँ भट्ठी या चूल्हा जलता रहता है। खाना बनाने का काम करने वालों को भटियारा कहा जाता है। इस शब्द का सांकेतिक अर्थ है- वह स्थान जहाँ असभ्य लोग शोरगुल मचाते रहते हैं, अव्यवस्था छाई रहती है। पाठ में इस शब्द का पहला अर्थ ग्रहण किया गया है। रसोईघर में सिर्फ खाना बनाने का काम चलता रहता है। रसोईघर में व्यस्त रहने वाली लड़कियों की प्रतिभा व्यर्थ नष्ट हो जाती है।
लेखिका के पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी रसोई तक ही सीमित रह जाए। वह उसकी प्रतिभा और मौलिक गुणों को प्रकाशित होते देखना चाहते थे। उसे जागरूक बनाना चाहते थे। इसलिए रसोई को उन्होंने भटियारखाना कहकर बेटी को उससे दूर रहने को कहा था।