यौन परिपक्वता की प्राप्ति के साथ ही किशोरों के मन में विचार उत्पन्न होने लगते हैं कि वे अब बड़े हो गए हैं। इन विकासात्मक परिवर्तनों के साथ किशोरों में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है तथा आरम्भ में किशोर भावी जीवन – साथी को लेकर रंग-बिरंगे सपने देखते हैं। किशोरावस्था के आरम्भ में जीवनसाथी के चयन सम्बन्धी विचार आकर्षण, पहनावे तथा चकाचौंध से प्रभावित होते हैं।
आयु की परिपक्वता के साथ – साथ आकर्षण वाला पक्ष समाप्त होने लगता है तथा किशोर अपने जीवनसाथी के संदर्भ में गंभीरतापूर्वक विचार करते हैं। किशोर ऐसी लड़कियों को पसंद करते हैं जो सुरुचिपूर्ण होने के साथ-साथ उनकी अभिलाषाओं, आकांक्षाओं, आवश्यकताओं तथा सामाजिक – आर्थिक रूप से सुदृढ़ हों। वहीं किशोरियों को पौरुष युक्त, साफ – सुथरे, धीर – गंभीर, परिहास की वृत्ति वाले आर्थिक रूप से सक्षम लड़के पसंद होते हैं।