पर्यावरणीय मनोविज्ञान की प्रमुख विशेषताएँ अग्रलिखित हैं –
1. पर्यावरण और व्यवहार के सम्बन्धों का अध्ययन: इसमें पर्यावरण व व्यवहार के सम्बन्धों का एक इकाई के रूप में अध्ययन किया जाता है। यह अध्ययन मुख्यतः इस समस्या को लेकर होते हैं कि भिन्न-भिन्न प्रकार के पर्यावरण मानव व्यवहार को किस प्रकार और किस सीमा तक प्रभावित करते हैं।
2. वैज्ञानिक प्रकृति: पर्यावरणीय मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है। इसकी अध्ययन विधियाँ तथा विषय-वस्तु वैज्ञानिक है। इस मनोविज्ञान में विज्ञान की सभी विशेषताएँ पायी जाती हैं।
3. व्यावहारिक: इसमें जितने भी अध्ययन हैं, वह प्राय: व्यावहारिक होते हैं। उनके द्वारा व्यक्ति के व्यवहार को समझने में बहुत सहायता मिलती है।
4. कार्य-कारण सम्बन्धों का अध्ययन: पर्यावरणीय मनोविज्ञान में कार्य-कारण सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। कार्य-कारण सम्बन्धों का अध्ययन मुख्यतः प्रयोगात्मक विधि के द्वारा किया जाता है।
5. व्यावसायिक: पर्यावरणीय मनोविज्ञान में कुछ उच्च स्तरीय अनुसंधान व्यावसायिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए हैं। इससे ऐसे तथ्य प्रकाश में आते हैं जिनसे व्यवसाय को बढ़ावा मिलता है। वायु-प्रदूषण को चेक करने के लिए अनेक यंत्र और उपकरण बाजार में इन्हीं अध्ययनों के परिणामस्वरूप उपलब्ध हैं।
6. उदारवादी: पर्यावरणीय मनोविज्ञान का दृष्टिकोण बहुत ही उदारवादी है। पर्यावरणीय मनोवैज्ञानिक आज सामाजिक मनोवैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों और व्यावहारिक मनोवैज्ञानिकों से महत्वपूर्ण ढंग से जुड़े हुए हैं और इनके सिद्धान्तों, अध्ययन विधियों और तकनीकों का सहारा लेकर पर्यावरणीय मनोविज्ञान को अधिक उपयोगी और व्यावहारिक बना रहे हैं।