किसी भी कार्य में संयुक्त सक्रियता होने के लिए संप्रेषण के सम्बन्ध होना आवश्यक है। “संप्रेषण” का अर्थ है-किसी विचार या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रेषित करने वाले के द्वार भेजना तथा प्राप्त करने वाले के द्वारा प्राप्त करना। संप्रेषण तभी सफल होगा जब संप्रेषणकर्ता तथा प्राप्तकर्ता दोनों सहयोगात्मक प्रक्रिया में भाग लें।
संप्रेषण एक ऐसा माध्यम है, जिसमें विचारों का स्पष्ट रूप से आदान-प्रदान होता है। अतः संप्रेषण लोगों के बीच संपर्क स्थापित व विकसित करने की एक जटिल प्रक्रिया है, जिसकी जड़ें संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता में होती है। किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए सम्पर्क यदि न हो तो कोई भी कार्य या समुदाय सफल संयुक्त कार्य नहीं कर सकता है।