परामर्श के लक्ष्य:
1. अवलम्ब: इसके अन्तर्गत व्यक्ति के लिए उसके संज्ञान तथा संवेग आदि में चुनौतियों का सामना करने के सामर्थ्यो का समर्थन तथा प्रोत्साहन आवश्यक होता है।
2. मनोशैक्षिक निर्देशन: इसका लक्ष्य व्यक्ति को सूचनाएँ देना, प्रशिक्षण देना, दक्षताओं का विकास करना आदि में व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास में अहम् भूमिका निभाना है।
3. निर्णय रचना: परामर्श का प्रमुख लक्ष्य परामर्शी को उपयुक्त निर्णय के विकास हेतु सहायता प्रदान करना होता है।
4. समायोजन: इसमें व्यक्ति के समायोजन के लिए व्यक्ति की क्षमताओं व विशेषताओं का विकास किया जाता है, जिससे वह भविष्य में होने वाली समस्याओं का सामना कर सके।