डिजाइन निर्माण हेतु रेखाएँ (Lines for Design formation): आकर्षक तथा सुंदर डिजाइन के निर्माण में रेखाएँ महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विभिन्न रेखाओं को जोड़कर कई प्रकार के नमूने या डिजाइन बनाये जाते हैं। वस्त्रों के डिजाइन का निर्धारण विभिन्न रेखाओं के समायोजन द्वारा किया जाता है।
डिजाइन के निर्माण में प्रमुख रूप से चार प्रकार की रेखाओं का प्रयोग किया जाता है –
- लम्बवत् रेखा (Vertical line)
- समतल रेखा (Horizontal line)
- तिरछी रेखा (Diagonal line)
- वृत्त रेखा (Curved line)
1 .लम्बवत् रेखा (Vertical line): लम्बवत् रेखाएँ खड़ी होती हैं। क्रियाशीलता, जोश, प्रसन्नता के भावों को प्रदर्शित करने के साथ ये रेखाएँ लम्बाई में वृद्धि करती हैं। ठिगने व्यक्ति पर इस प्रकार के वस्त्र उपयुक्त लगते हैं, क्योंकि ये रेखाएँ अधिक लम्बाई का आभास कराती हैं।
2. समतल रेखा (Horizontal line): समतल रेखाएँ लेटी हुई स्थिति में होती हैं तथा स्थिरता एवं विश्राम के भाव को अभिव्यक्त करती हैं। यदि कोई पतला व्यक्ति समतल रेखा वाले वस्त्र पहने तो उस पर अच्छे लगते हैं, क्योंकि समतल रेखाएँ चौड़ाई का आभास प्रदान करती हैं, अत: इस प्रकार के वस्त्र पतले व्यक्ति पर उपयुक्त लगते हैं।
3. तिरछी रेखा (Diagonal line): इस प्रकार की रेखाएँ वस्त्रों के सौन्दर्य में वृद्धि करती हैं तथा गतिशीलता, शालीनता एवं नमनीयता के भाव प्रदर्शित करती हैं। इस प्रकार की रेखाएँ सभी प्रकार के वस्त्रों पर अच्छी लगती हैं।
4. वृत्त रेखा.(Curved line): वृत्ताकार रेखाएँ गोलाकार होती हैं तथा प्रसन्नता, शालीनता, सौन्दर्य तथा समृद्धि की प्रतीक हैं। वस्त्र की सज्जा करने में इन रेखाओं का अधिक प्रयोग किया जाता है। वृत्ताकार रेखा द्वारा वस्त्रों में फूल, पत्ते, अर्द्धवृत्त अथवा अन्य वृत्ताकार नमूने बनाए जाते हैं।