वे वस्तुएँ जिनका प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है। उन्हें स्थानापन्न वस्तुएँ कहते हैं। क्योंकि चाय और कॉफी का प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है अतः ये दोनों स्थानापन्न वस्तुएँ (Complementary Goods) है। यदि कॉफी की कीमत में वृद्धि होती है तो कॉफी की माँग कम हो जायेगी तथा चाय की सन्तुलन माँग तथा कीमत में
वृद्धि हो जायेगी और कॉफी की कीमत तय होने पर इसके विपरीत स्थिति होगी।

उपरोक्त रेखाचित्रानुसार जब कॉफी की कीमत बढ़करे P1 हो जाती है तो चाय की मांग बढ़कर q1 हो जाती है तथा जब कॉफी की कीमत कम होकर P2 पर आ जाती है तो चाय की माँग कम होकर q2 पर आ जाती है।