जॉन रॉल्स की प्रसिद्ध पुस्तक ‘ए थ्योरी ऑफ जस्टिस’ है। इसमें इन्होंने आधुनिक सन्दर्भ में सामाजिक न्याय का विश्लेषण किया है। इन्होंने न्याय सम्बन्धी परम्परागत विचारों का विरोध किया। रॉल्स के न्याय सम्बन्धी विचार दो मान्यताओं पर आधारित हैं
सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाए कि इन दोनों से
- न्यूनतम लाभान्वित व्यक्तियों अर्थात् सबसे अधिक पिछड़ों को अधिकतम लाभ हो तथा
- प्रत्येक को उचित अवसर की समानता की स्थिति में पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति सुलभ हो।
रॉल्स ने न्याय के सिद्धान्त को प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसीलिए इनका कहना है कि स्वतन्त्रता पर स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए ही प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। रॉल्स समाज के लिए सबसे औचित्यपूर्ण न्याय उस सिद्धान्त को मानता है जिसमें लोग स्वतः ही अज्ञानता के पर्दे को स्वीकार कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति मूलभूत नैतिक शक्तियों से सम्पन्न नैतिक व्यक्ति होता है।