पार्थिया के शासक द्वारा कुषाण साम्राज्य पर आक्रमण करने के दो कारण थे। प्रथम तो यह कि व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश बैक्ट्रिया पर वह अधिकार करना चाहता था दूसरा कारण यह था कि एरियाना प्रदेश पर पहले पार्थिया का अधिकार था किन्तु बाद में कुषाणों ने इस पर अधिकार कर लिया था अतः पार्थिया का शासक एरियाना प्रदेश पर पुनः अधिकार करना चाहता था। इस युद्ध के फलस्वरूप सम्पूर्ण पार्थिया प्रदेश कुषाण राज्य का अंग बन गया।