महायान बौद्ध धर्म की नवीन शाखा थी। इसके उदय के कारण बौद्ध धर्म का विकास तेजी से हुआ क्योंकि इसके सिद्धान्त सरल थे जिनका पालन जनसाधारण में एक गृहस्थ व्यक्ति भी सरलतापूर्वक कर सकता था। मूर्ति पूजा का प्रचलन होने से महायान धर्म की लोकप्रियता बढ़ गई। कनिष्क ने महायान को राजधर्म घोषित किया। इससे मध्य एशिया में उसके विशाल साम्राज्य में महायान धर्म के विकास में पर्याप्त सुविधा हुई जिससे महायान शाखा का प्रसार तेजी से हुआ।