भारतीय संविधान की प्रस्तावना/उद्देशिका के विवरणात्मक भाग को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
1. सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय – सामाजिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समानता प्राप्त हो। आर्थिक न्याय का अर्थ है कि राज्य अपनी नीति का संचालन इस प्रकार करें कि समान रूप से सभी नागरिकों को आजीविका के साधन प्राप्त करने का अधिकार हो । राजनीतिक न्याय का अभिप्राय है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक गतिविधियों में समान और स्वतंत्र रूप से भाग लेने का अवसर प्राप्त हो ।
2. स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व – भारत के संविधान में नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म व उपासना की स्वतंत्रता दी गई है। देश के सभी नागरिकों को प्रगति के समान अवसर प्राप्त होंगे एवं बंधुत्व की भावना को सुनिश्चित करने की भी प्रतिज्ञा ली गई है।
3. एकता एवं अखण्डता – प्रस्तावना में व्यक्ति की गरिमा एवं राष्ट्र की एकता व अखण्डता को सुस्पष्ट एवं सुनिश्चित किया गया है।