संघीय व्यवस्था होते हुए भी भारतीय संविधान में शक्तियों का विभाजन केन्द्र के पक्ष में रखा गया है। संघ सूची में राज्य सूची की अपेक्षा बहुत महत्वपूर्ण विषय सम्मिलित किए गए हैं। इनमें विदेश नीति, रक्षा, बैंकिंग, संचार, मुद्रा आदि प्रमुख हैं। संघीय सूची में 97 विषय अंकित किए गए हैं। समवर्ती सूची में कुल 47 विषय अंकित हैं। संघीय सूची में अंकित विषयों पर केन्द्रीय सरकार व संसद कानून बनाती है।
राज्य सूची में वर्णित विषयों पर राज्य विधानमण्डल कानूनों का निर्माण करता है किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्य सूची के विषयों पर भी संसद कानून बना सकती है। समवर्ती सूची में अंकित विषयों में दोनों अर्थात् केन्द्र व राज्य सरकार कानून बना सकती हैं। परन्तु यदि राज्य सरकार द्वारा निर्मित कानून केन्द्रीय कानून का विरोध करता है तो राज्य सरकार द्वारा निर्मित कानून को रद्द कर केन्द्रीय कानून को लागू कर दिया जाता है। इस प्रकार शक्तियों का यह विभाजन केन्द्र को मजबूती प्रदान करता है।