बीसर्वी सदी के पूर्वार्द्ध तक राज्यों में अंग्रेजों का हस्तक्षेप और नियन्त्रण बढ़ता गया। अंग्रेजी सरकार को नियमित खिराज (कर) देने और बढ़ते खर्चे तथा आर्थिक शोषण की नीति से किसानों से परम्परागत सम्बन्ध में बदलाव आ गया। किसानों पर नयी लागतें थोप द तथा जबरदस्ती बेगार ली जाने लगी। शासकों और सामन्तों को बाहरी आक्रमणों का खतरा नहीं रहा।
अंग्रेजी नियन्त्रण से पश्चिमी प्रभाव पढ़ा। फलतः शासकों और सामन्तों की जीवन शैली में परिवर्तन आने लगा। उनके खर्चे बढ़ गए। अपनी विलासिता और सुख-सुविधाओं के लिए किसानों का आर्थिक शोषण बढ़ गया। किसानों में बढ़ते असन्तोष के परिणामस्वरूप संगठित किसान आन्दोलित हुए।