राजपूताना क्षेत्र के चार प्रमुख राज्य अलवर, भरतपुर, धौलपुर तथा करौली भौगोलिक, जातीय एवं आर्थिक दृष्टिकोण से एक जैसे थे। इन चार राज्यों के शासकों को 27 फरवरी, 1948 ई. को दिल्ली बुलाकर उनके समक्ष संघ का प्रस्ताव रखा गया जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। श्री के. एम. मुंशी के सुझाव पर इस संघ का नाम मत्स्य संघ रखा गया। 18 मार्च, 1948 को इस संघ का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री एन. वी. गाडमिल ने किया।
संघ की जनसंख्या 18 लाख व वार्षिक आय 2 करोड़ रुपये थी। धौलपुर के महाराज उदयभान सिंह को राजप्रमुख नियुक्त कर एक मंत्रिमण्डल का गठन किया गया। शोभाराम (अलवर) को मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री बनाया गया एवं संघ में शामिल चारों राज्यों में से एक-एक सदस्य लेकर मंत्रिमण्डल बनाया गया। गोपीलाल यादव (भरतपुर), मास्टर भोलानाथ (अलवर), डॉ. मंगल सिंह (धौलपुर) चिरंजीलाल शर्मा (करौली) ने शपथ ली।