रियासत विभाग के सचिव श्री वी. पी. मेनन 11 जनवरी, 1949 को जयपुर गए एवं जयपुर महाराज से वार्ता की। जयपुर महाराज सवाई मानसिंह काफी हिचकिचाहट एवं समझाने – बुझाने के बाद वृहत् राजस्थान के लिए तैयार हुए किन्तु यह शर्त रखी.कि जयपुर महराजा को वृहत् राजस्थान का वंशानुगत राज प्रमुख बनाया जाए तथा जयपुर को भावी राजस्थान की राजधानी बनाया जाये। श्री मेनन ने विलय की शर्तों को काफी आनाकानी के बाद स्वीकृति दे दी। 14 जनवरी, 1949 को सरदार पटेल ने उदयपुर की एक आम सभा में वृहत् राजस्थान के निर्माण की घोषणा कर दी।