अप्रैल 1965 में कच्छ के रण को लेकर भारत व पाकिस्तान के मध्य युद्ध आरम्भ हुआ। 4 सितम्बर 1965 को सुरक्षा परिषद की अपील पर युद्ध विराम हुआ। 22 सितम्बर 1965 को दोनों देशों के मध्य युद्ध बन्द हो गया। युद्ध के पश्चात तनाव की स्थिति को पूर्णतया समाप्त करने के उद्देश्य से सोवियत प्रधानमन्त्री ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खाँ और भारत के प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री को वार्ता के लिए ताशकंद में आमन्त्रित किया।
सोवियत संघ के प्रयत्नों से 10 जनवरी 1966 को प्रसिद्ध ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके द्वारा भारत व पाकिस्तान शान्ति बहाली के लिए सहमत हुए। किन्तु इस समझौते के कारण भारत को वह समस्त प्रदेश पाकिस्तान को वापस देने पड़े जो उसने अपार जन व धन की हानि उठाकर युद्ध में प्राप्त किये थे।