चावल भारत की एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। देश की अधिकांश जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल है। विश्व के चावल उत्पादक राष्ट्रों में भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। भारत में विश्व का लगभग 22 प्रतिशत चावल उत्पादित होता है। देश के कुल बोये गए क्षेत्र के लगभग एक-चौथाई भाग पर चावल की कृषि की जाती है।
आवश्यक भौगोलिक दशाएँ:
चावल उष्ण आर्द कटिबन्धीय फसल है। इसकी लगभग 3000 से भी अधिक किस्में हैं जो विभिन्न कृषि जलवायु प्रदेशों में उगाई जाती हैं।
इसकी कृषि के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं –
1. तापमान:
चावल की कृषि के लिए कम से कम 20° सेण्टीग्रेड तापमान होना चाहिए। इसे बोते समय 20° सेण्टीग्रेड तथा फसल पकते समय 27° सेन्टीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।
2. वर्षा:
चावल की कृषि के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सामान्यतया 100 से 200 सेमी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी कृषि की जाती है। 100 सेमी. से कम वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की सहायता से चावल की कृषि की जाती है।
3. मृदा:
चावल की कृषि के लिए बहुत उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है क्योंकि यह मिट्टी अधिक समय तक आर्द्रता धारण कर सकती है। नदियों द्वारा लायी गई जलोढ़ मिट्टी में चावल का पौधा अधिक अच्छे ढंग से विकसित होता है।
4. धरातल:
चावल की कृषि के लिए समतल मैदानी भाग अनुकूल होते हैं ताकि वर्षा अथवा सिंचाई द्वारा प्राप्त जल पर्याप्त पर्याप्त समय तक खेतों में रह सके। पहाड़ी क्षेत्रों में चावल की कृषि ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर की जाती है।
5. श्रम:
चावल की कृषि में मशीनों से काम नहीं लिया जा सकता इसलिए इसकी कृषि के लिए अधिक श्रम की आवश्यकता होती है।
उत्पादन एवं वितरण:
भारत में चावल की कृषि समुद्र तल से 200 मीटर की ऊँचाई तक एवं पूर्वी भारत के आर्दै प्रदेशों से लेकर उत्तर-पश्चिमी भारत के शुष्क परन्तु सिंचित क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तरी राजस्थान में सफलतापूर्वक की जाती है। भारत में 2015-16 में 103.36 मिलियन टन चावल का उत्पादन हुआ जो कुल खाद्यान्न उत्पादन को 40.97 प्रतिशत था।
देश के विभिन्न राज्यों में चावल के उत्पादन का प्रतिशत निम्नांकित प्रकार रहा है –
1. पश्चिम बंगाल:
यहाँ राज्य देश का 14 प्रतिशत चावल क्षेत्र है। वर्ष 2014-15 के आधार पर 14.32% चावल उत्पादन कर प्रथम स्थान पर है। कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत अमन फसल से प्राप्त होता है। मुख्य उत्पादक जिले कूच बिहार, जलपाई गुड़ी, बाँकडा मिदनापुर, दार्जिलिंग है। यहाँ ओस, अमन एवं बोरो तीनों फसलें पाई जाती हैं। बाढ़ की उपजाऊ मिट्टी के कारण खाद की कम आवश्यकता रहती है।
2. उत्तर प्रदेश:
हरित क्रान्ति के पश्चात् उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। यहाँ चावल का उत्पादन बढ़कर देश का 12% हो गया है। प्रमुख उत्पादक जिलों में सहारनपुर, देवरिया, गोरखपुर, लखनऊ, बहराइच, गोंडा, बलिया, रायबरेली, पीलीभीत आदि है। 2014 – 15 में 12.2 मि. टन चावल का उत्पादन किया गया जो देश का 11.7% था।
3. आन्ध्र प्रदेश:
यह राज्य देश वर्ष 2014 – 15 के उत्पादन आधार पर 11 प्रतिशत उत्पादन कर तीसरे स्थान पर है।
4. पंजाब:
परम्परागत रूप से गेहूं उत्पादक राज्य ने हरित क्रान्ति के बाद चावल उत्पादन में देश में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की है। सन् 2011 – 12 में पंजाब में लगभग 108.3 लाख टन चाचल पैदा किया गया जो उत्पादन का 11.29 प्रतिशत था। प्रमुख उत्पादक जिले यहाँ होशियारपुर, गुरदासपुर, जालन्धर, अमृतसर, रूपनगर, लुधियाना, कपूरथला आदि जिले हैं। राज्य 2014 – 15 के अनुसार प्रति हेक्टेयर 3952 किग्रा उत्पादन कर प्रथम स्थान है।
5. बिहार:
इस राज्य में चावल की वर्ष में 2 फसलें पैदा की जाती है। कुल कृषि भूमि के 40 प्रतिशत भाग पर चावल उगाया जाता है। प्रमुख उत्पादक जिलों में सारन, चम्पारन, गया, दरभंगा, मुंगेर, पूर्णिया आदि जिलों में धान पैदा किया जाता है।
6. तमिलनाडु:
इस राज्य की देश के कुल चावल उत्पादन में 6 – 10 प्रतिशत तक भागीदारी है। यहाँ काबेरी नदी के डेल्टा में स्थित अकेला तंजावूर जिला तमिलनाडु का 25 प्रतिशत चावल पैदा करता है।
7. छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ का मैदानी भाग चावल कृषि के लिए महत्वपूर्ण है और इसे प्राय: चावल का कटोरा कहां जाता है। बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा, रायगढ़, दंतेवाड़ा नारयाणपुर आदि प्रमुख उत्पादन जिले हैं।
8. मध्यप्रदेश
9. ओडिसा:
इस राज्य की कुल कृषि भूमि के 58 प्रतिशत भाग पर चावल उत्पादन किया जाता है। यह राज्य देश का 6 से 8 प्रतिशत भाग उत्पादित करता है। बालासोर, कटक, पुरी, मयूरभंज, कालाहाँडी आदि जिले हैं। भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान कटंक में है।
10. राजस्थान:
डूंगरपुर, बूंदी, बाँसवाड़ा, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जिलों में चावल की फसल पैदा होती है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, केरल, मेघालय, गोवा, मणिपुर, नागालैण्ड, मिजोरम अन्य चावल उत्पादक राज्य है।
भारत के इन सभी चावल उत्पादक क्षेत्रों को निम्नलिखित मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है –
