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भारत में चीनी उद्योग के स्थानीयकरण एवं वितरण की विवेचना कीजिए।

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भारत गन्ना तथा चीनी उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश है। भारत में विश्व की लगभग 8% चीनी उत्पादित की जाती है।

चीनी उद्योग के स्थानीयकरण के कारक: चीनी उद्योग का सर्वप्रमुख व एकमात्र कच्चा माल गन्ना है। गन्ने के कुल भार में चीनी (सुक्रोज) का प्रतिशत 9 से 12 के मध्य मिलता है। गन्ना भार ह्रास वाली कृषि फसल है। खेत में गन्ने को काटने से लेकर ढुलाई की अवधि तक इसमें सुक्रोज की मात्रा कम होती जाती है। यदि गन्ने को काटने के 24 घण्टे के अन्दर गन्ना मिलों में इसका रस निकाल लिया जाता है, तो इससे चीनी की मात्रा अधिक प्राप्त होती है।

इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता चला जाता है वैसे-वैसे गन्ने में चीनी का प्रतिशत कम होता चला जाता है। यही कारण है कि भारत की अधिकांश चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलती हैं। अतः चीनी उद्योग को कच्चा माल उन्मुख उद्योग माना जाता है।

भारत के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य: महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा कर्नाटक भारत के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं, जबकि बिहार, पंजाब, हरियाणा तथा गुजरात देश के अन्य चीनी उत्पादक राज्य हैं।

1. महाराष्ट्र: भारत के चीनी उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र का प्रथम स्थान है। यह राज्य देश के कुल चीनी उत्पादन का एक-तिहाई से अधिक भाग उत्पादित करता है। इस राज्य में 134 चीनी मिलें संचालित हैं, जो एक सँकरी पट्टी के रूप में उत्तर में मनमाड से लेकर दक्षिण में कोल्हापुर तक विस्तृत मिलती हैं।

2. उत्तर प्रदेश: भारत के चीनी उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश का महाराष्ट्र के बाद दूसरा स्थान है।

इस राज्य में चीनी उद्योग निम्नलिखित दो पेटियों में केन्द्रित मिलता है –

  • गंगा-यमुना दोआब:
    सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत तथा बुलन्दशहर आदि इस क्षेत्र में प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं।
  • तराई प्रदेश:
    लखीमपुर खीरी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर तथा बहराइच-इस क्षेत्र में प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं।

3. तमिलनाडु: इस राज्य की चीनी मिलें कोयंबटूर, वेलौर, तिरूवनमलाई, विल्लुपुरम्, तिरुचिरापल्ली तथा रामनाथपुरम् जिलों में संचालित हैं।

4. कर्नाटक: बेलगाम, बेल्लारी, माण्डया, शिमोगा, बीजापुर तथा चित्रदुर्ग इस राज्य के प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं। इस राज्य में चीनी उद्योग तटीय प्रदेशों में पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, क्षेत्रों में फैला हुआ है।

  • बिहार – चम्पारन, सारण, दरभंगा, पटना।
  • राजस्थान – केशोरायपाटन, श्रीगंगानगर, भोपाल, सागर।
  • पंजाब – नवाँशहर, धूरी, होशियारपुर, गुरुदासपुर, अमृतसर।
  • हरियाणा – यमुनानगर, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पलवल।
  • गुजरात – अहमदाबाद, भावनगर।

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