सन् 1950 के दशक में निर्मित योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था 1 जनवरी 2015 को अस्तित्व में आ गई है जिसे नीति आयोग के नाम से जाना जाता है। प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता वाला यह आयोग सरकार के ‘थिंक टैंक’ (बौद्धिक संस्थान) के रूप में कार्य करेगा तथा केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के लिए भी नीति निर्माण करने वाले संस्थान की भूमिका निभाएगा। यह आयोग केन्द्र व राज्य सरकारों को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर रणनीतिक व तकनीकी सलाह देगा। यह आयोग पंचवर्षीय योजनाओं के भावी स्वरूप के सम्बन्ध में सरकार को सलाह देगा।