दोहरे रक्त परिसंचरण का महत्व
(Significance of Double Blood Circulation) सभी स्तनियों की धमनियों में प्रवाहित होने वाला रक्त शिराओं में प्रवाहित होने वाले रक्त से सदैव पृथक रहता है। ऐसा निलय के पूर्ण विभाजन के कारण सम्भव होता है।
इस व्यवस्था से दो प्रमुख लाभ होते हैं-
- शुद्ध (Oxygenated) तथा अशुद्ध (Deoxygenated) रक्त कभी भी आपस में मिश्रित नहीं हो पाते हैं।
- इस व्यवस्था के द्वारा हृदय की प्राकुंचन (Systole) प्रावस्था में धमनियों द्वारा विभिन्न अंगों तक शुद्ध रक्त का वितरण तथा प्रसारण प्रावस्था में शरीर के विभिन्न अंगों से शिराओं द्वारा हृदय तक अशुद्ध रक्त का पहुँचना आसान हो जाता है।