सहलग्नता मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-
(1) पूर्ण सहलग्नता (Complete Linkage)
(2) अपूर्ण सहलग्नता (Incomplete Linkage)
(1) पूर्ण सहलग्नता (Complete Linkage)- यह वह सहलग्नता है जिसमें दो या दो से अधिक गुण, दो या दो से अधिक वंशों (Generations) तक लगातार वंशागत (Inherited) होते चले जाते हैं। यह जीवों में प्राकृतिक रूप से बहुत कम पायी जाती है। इस सहलग्नता की वंशागति किसी भी गुणसूत्र पर स्थित जीन्स युग्मों (Genes combinations) के बिना टूटे ही होते हैं अर्थात् इसमें दो युग्म (Gene) नहीं टूट पाते। इस सहलग्नता के मुख्य उदाहरण ड्रोसोफिला व कुछ अन्य कीट हैं।
(2) अपूर्ण संहलग्नता (Incomplete Linkage)—यह सहलग्नता जन्तु व पौधों दोनों में पायी जाती है। इसमें गुणसूत्र एक बिन्दु से टूट जाता है और इसी बिन्दु पर विनिमय (Crossing over) हो जाता है। मक्का (Maize) इस सहलग्नता का अच्छा उदाहरण है। इसमें सहलग्नता जीन (Linked gene) एक-दूसरे के पास-पास स्थित होते हैं। अपने बिन्दु पथों (Loci) पर लगे हुए ही ये जीन एक वंश से दूसरे वंश में पहुँचते हैं, लेकिन ये जीन जो सहलग्न (Linked) नहीं हैं, एक-दूसरे से काफी दूर स्थित रहते हैं।