लिंग सहलग्न लक्षण के द्वारा केवल लिंग गुणसूत्र से लिंग निर्धारण का कार्य करते हैं। बाद में अनेकों शोधों के आधार पर बताया कि लिंग गुणसूत्र पर भी अनेकों जीन पाए जाते हैं। विभिन्न शारीरिक लक्षणों के.विशेषक निम्न हैं ऐसे लक्षण जिनके जीन लिंग गुणसूत्रों पर पाये जाते हैं तथा उन्हीं के साथ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशानुगत होते हैं तो उन्हें लिंग सहलग्न लक्षण एवं इनकी वंशागति को लिंग सहलग्न वंशागति कहते हैं।
X-गुणसूत्र पर पाए जाने वाले जीन पुरुष तथा स्त्री दोनों में अभिव्यक्त हो सकते हैं। अतः इन जीनों की अभिव्यक्ति को आढ़ी-तिरछी या क्रिस क्रोस आनुवंशिकी कहते हैं। इस प्रकार की वंशागति में जनक पीढ़ी का लक्षण पुत्री के माध्यम से अगली पीढ़ी में हस्तान्तरित होता है। मनुष्य के X-गुणसूत्र में लगभग 20 लक्षणों के जीन पाए जाते हैं जो कि लिंग सहलग्न लक्षण होते हैं।