मानव जनसंख्या को सीमित रखना, जनसंख्या नियंत्रण कहलाता है, जो आज के समय की एक चुनौतीपूर्ण समस्या है। इस वैज्ञानिक युग में इसके लिए व्यवहार में निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा रहा है।
(i) प्राकृतिक विधि - इस विधि में संभोग के समय का समंजन कर अंडाणु निषेचन को रोककर गर्भाधान से बचा जा सकता है।
(ii) यांत्रिक विधि - इनमें पुरुषों द्वारा कंडोम एवं स्त्रियों द्वारा डायाफ्राम, कॉपर-T तथा लूप जैसे परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग किया जाता है।
(iii) रासायनिक विधि - इसमें शुक्राणुओं को मारनेवाले रसायन (spermicides) एवं संश्लेषित एस्ट्रोजेन तथा प्रोजेस्टेरॉन हॉमॉन की गर्भ निरोधक गोलियाँ ली जाती है, जिससे अंडोत्सर्ग क्रिया बाधित होती है और गर्भाधान नहीं हो पाता।
(iv) सर्जिकल विधियाँ - इसके तहत पुरुष नसबंदी (vasectomy) एवं स्त्री नसबंदी (tubectomy) एवं MIP (गर्भ का चिकित्सकीय समापन) जैसे शल्य-क्रियाओं का उपयोग किया जाता है।
(v) सामाजिक जागरूकता - जनसंख्या वृद्धि के भयावह परिणामों के प्रति समाज को जागरूक कर जनसंख्या नियंत्रण हो सकता है।