लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए समरसता. भ्रातृत्व एवं स्वतंत्रता आवश्यक है। सामाजिक जीवन ऐसा होना चाहिए जिसमें अवाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध है। अपने साथियों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान का भाव ही लोकतंत्र के लिए आवश्यक तत्त्व हैं।