भौतिक गुणधर्मों में भिन्नता :
|
धातुएँ |
|
अधातुएँ |
1. |
धातुएँ आघातवर्ध्य और तन्य होती हैं।
अर्थात् धातुओं की पतली चादरों को कूटा जा सकता है और महीन तारों में खींचा जा सकता है। |
1. |
अधातुएँ भंगुर (आसानी से टूटने वाली) होती हैं। वे न तो आघातवयें होती हैं और न ही तन्य। |
2. |
धातुएँ ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती है। |
2. |
अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत की कुचालक होती हैं। |
3. |
धातुएँ चमकदार होती हैं और उन्हें चमकाया जा सकता है। |
3. |
अधातुएँ चमकरहित (मलिन) होती हैं और उन्हें चमकाया नहीं जा सकता। |
4. |
धातुएँ कमरे के ताप पर ठोस होती हैं। (मर्करी के अतिरिक्त जो एक द्रव धातु है।) |
4. |
अधातुएँ कमरे के ताप पर ठोस, द्रव या गैस हो सकती हैं। |
रासायनिक गुणधर्मों में भिन्नता :
|
धातुएँ |
|
अधातुएँ |
1. |
धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड बनाती हैं। |
1. |
अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। |
2. |
धातुएँ जल से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। |
2. |
अधातुएँ जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं और इस कारण जल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं। |
3. |
धातुएँ तुनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। |
3. |
अधातुएँ तनु अम्लों के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं। |
4. |
धातुएँ क्लोरीन के साथ आयनिक क्लोराइड बनाती हैं। ये आयनिक क्लोराइड विद्युत अपघट्य परन्तु अवाष्पशील होती हैं। |
4. |
अधातुएँ क्लोरीन के साथ सहसंयोजक क्लोराइड बनाती हैं, जो विद्युत अनपघट्य परन्तु वाष्पशील होती हैं। |