आरा,
17-03-2016
प्रियमित्र राकेश,
सप्रेम नमस्ते,
मैं यहाँ सकुशल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी सपरिवार सकुशल ही होंगे। पत्र लिखने का आशय यह है कि पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री कोष से पटना भ्रमण का आयोजन किया गया था। इस भ्रमण में चार अध्यापक के अतिरिक्त चालीस छात्र भी थे। मैं भी उसमें सम्मिलित था। नियत समय पर विद्यालय से गाड़ी खुली और लगभग दस बजे हमलोग पटना पहुँचे। वहाँ संजय गाँधी जैविक उद्यान, गोलघर, गाँधी संग्रहालय, कुम्हरार पार्क, गुरुद्वारा, तारामंडल गये। तारामंडल में एक शो भी हमलोगों ने देखा। शो में लगा जैसे हमलोग ब्रह्माण्ड का साक्षात्कार कर रहे हैं। संध्या चार बजे पटना से हमलोगों की गाड़ी खुली और लगभग सात बजे विद्यालय पहुँच गये। यह भ्रमण बड़ा ही आनंददायक और रोमांचक रहा। तुम्हारी अनुपस्थित हमें झकझोर रही थी। बड़ों को प्रणाम एवं छोटों को शुभ प्यार।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
आशुतोष