भाषा मूलतः एक संप्रेषण का माध्यम है, भाषा सीखते समय भाषा के अनेक स्तर दिखाई देते हैं। जब हम भाषा के स्वरूप पर विचार करते हैं, तो उसके दो आयाम या स्तर सामने आते हैं–
- भाषा-व्यवस्था
- भाषा-व्यवहार
- भाषा का व्यवहार सामान्यत: दो रूपों में दिखता है– वाचिक/मौखिक और लिखित ।
- भाषिक व्यवहार का वाचिक रूप ही ‘वाणी’ या ‘वाक्’ कहलाता है।