स्थायी चुम्बक बनाने के लिए ऐसे पदार्थ का प्रयोग किया जाता है जिनकी धारणशीलता व निग्राहिता अधिक हो। धारणशीलता अधिक होने से चुम्बक प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जबकि उच्च निग्राजिता होने से बाहय चुम्बकीय क्षेत्रों में प्रभावित नहीं होता।
उदाहरण: स्टील, एलनिको (Al - Ni - Co) मिश्रधातु