भू - चुम्बकत्व के लिए सम्भावित कारण-
1. सन् 1850 में ग्रोवर ने यह मत व्यक्त किया कि पृथ्वी का चुम्बकत्व पृथ्वी के बाहरी पृष्ठ के निकट इसके परित बहने वाली धाराओं के कारण है। ये धाराएँ सूर्य के कारण उत्पन्न होती है।
2. सन् 1939 में एलसेसर ने यह मत प्रस्तुत किया कि पृथ्वी के भीतर उसके केन्द्रीय क्रोड में अनेक चालक पदार्थ पिघली हुई अवस्था में उपस्थित हैं। इनमें पिघला हुआ लोहा तथा निकिल पर्याप्त मात्रा में हैं। पृथ्वी के अपनी अक्ष के परित घूमने से उसके अर्द्ध-द्रव क्रोड में धीमी संवहन धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इससे पृथ्वी के भीतर एक स्व - उत्तेजित डायनमो की क्रिया होने लगती है।