(अ) एक सरल घनीय धातु क्रिस्टल में घन के कोनों पर उपस्थित परमाणु एक दूसरे को स्पर्श करते हैं।
अत: a = 2r

a = घन का किनारा तथा r = परमाणु की त्रिग्या है। सरल घनीय एकक कोष्ठिका में उपस्थित परमाणुओं की संख्या
= 1/8 x 8 = 1
घन का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3

या संकुलन क्षमता = 52.4%
(ब) फ्रेन्कल दोष और शॉटकी दोष की तुलना
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फ्रेन्कल दोष |
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शॉटकी दोष |
1 |
छोटे धनायनों और बड़े ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
1 |
लगभग समान अकार के धनायनों और ऋणायनों से बने यौगिकों में पाये जाते हैं। |
2 |
निम्न समन्वयन संख्याओं वाले क्रिस्टलों में पाये जाते हैं। |
2 |
यह दोष उच्च समन्वयन संख्याओं में यौगिकों में पाये जाते हैं। |
3 |
अन्तराकाशी दोष है। |
3 |
रिक्तिका दोष है। |
4 |
पदार्थ का घनत्व परिवर्तित नहीं होता। |
4 |
पदार्थ का घनत्व घट जाता है। |