मुगलों ने अपने पड़ोसी देशों विशेषकर महत्वपूर्ण तीर्थस्थल मक्का, मदीना वाले अरब (ऑटोमन) देशों के साथ पधुर सम्बन्ध बनाए ताकि इन देशों में व्यापारियों और तीर्थयात्रा (मक्का व मदीना) पर जाने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो तणा उनके स्वतन्त्र आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न न हो। अपने देश की बहुमूल्य वस्तुओं का निर्यात मुगल बादशाह अदन, मोखा आदि क्षेत्रों में करते थे और उससे अर्जित आय को वहाँ के धर्मस्थलों और फकीरों को दान कर देते थे। औरंगजेब ने अपने शासनकाल में इस पर रोक लगा दी और उस धन को भारत में वितरित करने का समर्थन किया। औरंगजेब के अनुसार "यह भी ईश्वर का वैसा ही घर है; जैसे कि मक्का ।"