फॉस्फोरस के आकलन के लिए कार्बनिक यौगिक की ज्ञात मात्रा को सधूम नाइट्रिक अम्ल के साथ गरम करने पर उसमें उपस्थित फॉस्फोरस, फॉस्फोरिक अम्ल (H3PO4) में ऑक्सीकृत हो जाता है। इसमें अमोनिया तथा अमोनियम मॉलिब्डेट विलयन मिलाने पर अमोनियम फॉस्फोमॉलिब्डेट, [(NH4)3 PO4 . 12MO3] का अवक्षेप प्राप्त होता है अथवा फॉस्फोरिक अम्ल में मैग्नेशिया मिश्रण मिलाकर इसे MgNH4PO4 के रूप में अवक्षेपित किया जाता है, जिसके ज्वलन से Mg2P2O प्राप्त होता है।
माना कि कार्बनिक यौगिक का द्रव्यमान = mg तथा अमोनियम फॉस्फोमॉलिब्डेट का द्रव्यमान = m1g
(NH4)3PO4 . 12 MO3 का मोलर द्रव्यमान = 1877 g
अतः फॉस्फोरस का प्रतिशत = \(\frac{31\times m_1\times 100}{1877\times m}\%\)
जब फॉस्फोरस का Mg2P2O7 के रूप में आकलन किया जात है, तो फॉस्फोरस का प्रतिशत \( = \frac{62\times m_1\times 100}{222\times m}\)
यहाँ Mg2P2O7 का मोलर द्रव्यमान = 222 u, लिए गए कार्बनिक पदार्थ का द्रव्यमान = m, g तथा बने हुए Mg2P2O7 का द्रव्यमान = m1 तथा Mg2P2O7 में उपस्थित दो फॉस्फोरस परमाणुओं का द्रव्यमान 62 है।