सीमांत उपयोगिता एवं कुल उपयोगिता से संबंध :
MU एवं TU में संबंध को निम्न तालिका एवं चित्र द्वारा निरुपित किया जा सकता है-
तालिका
वस्तु की इकाइयाँ |
MU |
TU |
1 |
40 |
40 |
2 |
30 |
70 |
3 |
20 |
90 |
4 |
10 |
100 |
5 |
0 |
100 |
6 |
-10 |
90 |
7 |
-20 |
70 |
उपरोक्त तालिका एवं चित्र से MU एवं TU के निम्न संबंध को बतलाया जा सकता है-
(i) प्रारंभ में कुल उपयोगिता एवं सीमांत उपयोगिता दोनों घनात्मक होती है।
(ii) जब सीमांत उपयोगिता घनात्मक है चाहे वह घट रही हो, तब तक कुल उपयोगिता बढ़ती है। तालिका में इकाई1 से 4 चित्र में A से E बिन्दु की स्थिति।
(iii) जब सीमांत उपयोगिता शन्यू हो जाती है, तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है। तालिका में पाँचवीं शकई पर MUO एवं TU अधिकतम 100 है। चित्र में E तथा B बिन्दुओं की स्थिति। बिन्दु E उच्चतम तथा बिन्दु E पर उपभोक्ता शून्य उपयोगिता के कारण पूर्ण तृप्त है।
(iv) जब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक होती है (इकाई 6 एवं 7) तब कुल उपयोगिता घटने लगती है। चित्र में TU में E से F तक की स्थिति एवं MU में B बिन्दु से G बिन्दु की स्थिति।