माना p वैद्युत-द्विध्रुव आघूर्ण का एक वैद्युत-द्विध्रुव, किसी एकसमान वैद्युत क्षेत्र E में रखा है तथा वैद्युत द्विध्रुव को वैद्युत क्षेत्र के भीतर घुमाया जा रहा है (चित्र )। माना किसी क्षण वैद्युत-द्विध्रुव आघूर्ण p की दिशा क्षेत्र की दिशा से α कोण बनाती है, तब वैद्युत-द्विध्रुव पर वैद्युत-क्षेत्र के कारण कार्य करने वाले बल-युग्म का आघूर्ण
τ = pE sin α
वैद्युत-द्विध्रुव को इस स्थिति से आगे अल्पांश कोण dα द्वारा घुमाने में वैद्युत-क्षेत्र के विरुद्ध कृत कार्य
dW = बल-युग्म का आघूर्ण x कोणीय विस्थापन
