पहले सवैये में अनुप्रास अलंकार वाली पंक्तियाँ हैं
• कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई – ‘क’ वर्ण की आवृत्ति के कारण।
• ‘पट पीत’ – में ‘प’ वर्ण की आवृत्ति के कारण।
• हिये हुलसै – में ‘ह’ वर्ण की आवृत्ति के कारण।
रूपक अलंकार
मुखचंद्र – मुख रूपी चंद्रमा
जग मंदिर दीपक – जग (संसार) रूपी मंदिर के दीपक।