ऐल्केनों के पॉलिक्लोरोफ्लुओरो व्युत्पन्नों को फ्रेऑन कहते हैं। पॉलिक्लोरोफ्लुओरोमेथेन तथा पॉलिक्लोरोफ्लुओरोएथेन महत्त्वपूर्ण फ्रेऑन हैं, जैसे –
1. CFCl3 ट्राइक्लोरोफ्लुओरोमेथेन (फ्रेऑन-11)
2. CF2Cl2 डाइक्लोरोडाइफ्लुओरोमेथेन (फ्रेऑन-12)
3. C2F2Cl4 ट्रेट्रीक्लोरोडाइफ्लुओरोएथेन (फ्रेऑन-112)
CFCl3 में कार्बन तथा फ्लुओरीन का अनुपात 1: 1 है, अत: इस कारण इसका नाम फ्रेऑन-11 है। CF2Cl2 में कार्बन तथा फ्लुओरीन का अनुपात 1: 2 है, अतः इस कारण इसका नाम फ्रेऑन-12 है।
फ्रेऑन के गुण – फ्रेऑन रंगहीन, गन्धहीन, विषहीन, अत्यन्त अक्रिय तथा कम क्वथनांक वाले द्रव हैं। ये बहुत कम दाब पर ही गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, इस कारण इनका उपयोग रेफ्रीजेरेटर तथावातानुकूलन में प्रशीतक के रूप में होता है। इन यौगिकों को संक्षिप्त रूप में CFCs भी कहते हैं। इनका पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। इनको ओजोन परत को नष्ट करने के लिए उत्तरदायी माना जा रहा है।