1. जलोभिदों में उपस्थित वायु अवकाशों में वायु भरी होने के कारण, गैसीय विनिमय सुलभ हो जाता है, पौधे हल्के हो जाते हैं, ताकि पानी में ठहर सकें। इसके अतिरिक्त यह अंगों के मुड़ने के तनाव का प्रतिरोध भी करता है।
2. यदि मध्योभिद् पौधे को नमक के घोल में रखा जाता है तो वह इस घोल का अवशोषण करने लगता है जिसके फलस्वरूप उसके अन्दर लवण की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण वह मुरझा जाता है तथा अन्ततः मर जाता है।