जंगल में जंगली जानवर पारिस्थितिक तन्त्र के जैविक घटक (biotic factors) होते हैं। ये जंगल में विभिन्न जीवों की संख्या को सीमित रखने में सहायक होते हैं। यदि इन्हें नष्ट कर दिया जायेगा तो जंगल में अन्य जीवों की संख्या में अचानक परिवर्तन आ जायेगा, जिससे वहाँ पारिस्थितिक तन्त्र में असन्तुलन की स्थिति आ जायेगी। जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम निम्नवत् हैं –
1. ZSI (Zoological Survey of India) – जुलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया का प्रमुख उद्देश्य जन्तुओं का सर्वेक्षण, अनुसंधान तथा पर्यवेक्षण है।
2. IBWL (Indian Board for Wildlife) – वन्य जीवन भारतीय परिषद् का गठन भी वन्य जीवों के संरक्षण के लिये ही किया गया। इसका प्रमुख कार्य राष्ट्रीय उद्यानों, जन्तु विहारों तथा चिड़ियाघरों द्वारा जन्तुओं का संरक्षण करना है।
3. भारतीय संविधान में जंगली जीवों के शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
4. अनाधिकृत रूप से जंगलों को काटने पर रोक लगायी गयी है।
5. वृक्षारोपण का कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है।
6. भारतीय जन्तु सर्वेक्षण विभाग द्वारा संकटग्रस्त जातियों का अध्ययन किया जा रहा है जिसे लाल आँकड़े की किताब (Red Data Book) में सूचीबद्ध किया जा रहा है।