विभिन्न प्रकार के कीटाणुनाशक तथा पीड़कनाशक रसायन मृदा के सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं। इससे विभिन्न पदार्थों का अपघटन रुक जाता है और मृदा की उर्वरता प्रभावित होती है। ये पदार्थ खाद्य श्रृंखला के माध्यम से मनुष्य में पहुँच कर उन्हें भी हानि पहुँचाते हैं।